lundi 5 septembre 2011

मीनू और मैं

प्रेषिका : शालिनी मेहता

मीनू मेरी बहुत अच्छी सहेली है। मैं अक्सर उसके घर जाती हूँ। उसका बड़ा भाई है जो मुझे अच्छे से जानता है। अब मैं आपको एक दिन की ऐसी बात बताऊंगी जिसे सुनकर आप को बस मज़ा आ जाएगा।

हुआ यूँ कि मैं घर पर बोर हो रही थी तो सोचा कि मीनू के घर चलकर उससे गप्पें मारी जाएँ। लेकिन वहाँ जो हुआ वो मुझे पूरी ज़िन्दगी याद रहेगा। मीनू घर पर नहीं थी। उसका भाई और भाई का एक दोस्त वहाँ पर थे।

मेरे वहाँ पहुंचते ही भाई ने कहा- शालू, ज़रा हम दोनों के लिए चाय बना दे।

मैंने बना दी और मीनू का इंतज़ार करने लगी। और उन दोनों के साथ गप्पें भी लड़ाने लगी। फिर उनका दोस्त, जिसका नाम मोहित है मेरे पास आकर बैठ गया और यहाँ वहाँ की बातें करने लगा।












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अब आ गया सेक्स का टॉपिक। अब मैंने कभी ना किसी को चूमा और ना ही कभी किसी से अब तक चुदी थी।

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